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लेखनी प्रतियोगिता -16-Apr-2024

मेरे संग रहने का क्या किराया है,

टूटा घर, तंग गलियां सब पराया है,
एक इंसान रहता था इस मका में,
पुरानी याद, टूटी आस उसी से घर सजाया है,

एक अरसा बीता, कोई उससे मिला नहीं,
कहता है वो खुद, जिसने सब नसाया है,


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